बल्ब बनाने की प्रक्रिया कई चरणों में सम्पन्न होती है। यहाँ बल्ब बनाने की सामान्य प्रक्रिया के कुछ मुख्य चरणों का वर्णन है:
ग्लास बनाना: पहले, बल्ब के आवरण के लिए कांच की शीट बनाई जाती है। इसके लिए, कांच के गोले को पारगियां बनाने के लिए गर्म किया जाता है और फिर धीरे से फॉर्म दिया जाता है।
फिलमेंट तैयार करना: बल्ब के अंदर तार कोई विशेष धातु का होता है जो उच्च तापमान और चिपकने की गुणवत्ता रखता है। यह तार धातु बारीक धागों में कटा जाता है और फिलमेंट के रूप में तैयार किया जाता है।
बल्ब के अंदर धागे स्थापित करना: फिलमेंट को बल्ब के अंदर स्थापित किया जाता है। इसके बाद, बल्ब के अंदर वायर को डाला जाता है जो इसे बल्ब के अंदर की स्थिरता के लिए धारित करता है।
बल्ब बनाना: बल्ब के आवरण को बनाने के बाद, अंतिम चरण में, आवरण के अंदर वायु को हवा से खाली किया जाता है और बल्ब के मुख्यालय को बनाने के लिए एक मुख्यालय के अंदर धातु का वायर डाला जाता है। बल्ब को फिर एक वैक्यूम सील के साथ सील किया जाता है।
यह प्रक्रिया संक्षेप में बल्ब बनाने की है, और वास्तविकता में इसमें और भी अनेक चरण हो सकते हैं जो विभिन्न तकनीकी, विनिर्माण और गुणवत्ता आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
1. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है तो यह तत्व क्या हो सकता है?
कैल्सियम
2. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक के वजाय टिन का लेप होता है क्योकि –
टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
3. पीतल है एक –
मिश्रधातु
4. शुद्ध सोना को व्यक्त किया जाता है –
24 कैरेट
5. सीसा और टीन की मिश्रधातु को कहते हैं ?
सोल्डर
6. कार्बन क्या है ?
अधातु
7. सक्रियता श्रेणी में हाइड्रोजन के ऊपर के धातु :
अम्लों से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाते हैं
8. उच्च विद्युत धनात्मकता के कारण धातु के परमाणु बनाते हैं –
धनायन
9. धातु के ऑक्साइड सामान्यतः होते हैं :
क्षारीय
10. अयस्क से चुम्बकीय अशुद्धियों को दूर करने के लिए जो विधि प्रयुक्त की जाती है वह है :
चुम्बकीय पृथक्करण विधि
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