विज्ञान का जन्म और विकास लंबे समय तक की उत्तराधिकारिता, प्रगति, और अन्य आधिकारिक रूप से प्रमाणित तथ्यों के संदर्भ में एक प्रक्रिया थी। हालांकि, विज्ञान का जन्म संगठित रूप से यूनानी सभ्यता में और खुदाई और प्रयोगशालाओं के उत्पादन के साथ जुड़ा है।
यूनानी सभ्यता में, वैज्ञानिक विचारकों और दार्शनिकों ने नैतिक, लौकिक, और आध्यात्मिक प्रश्नों को अध्ययन किया। उन्होंने भौतिकी, ज्योतिष और गणित के क्षेत्र में भी अग्रणी योगदान दिया। उदाहरण के लिए, अरिस्टोटल ने नैतिक और भौतिक विज्ञान में अपने सिद्धांतों के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की।
विज्ञान की वास्तविक आरम्भिक विकास तथा नए धाराओं और सिद्धांतों के उत्थान का समय मध्ययुग से आरंभ हुआ, जब यूरोप में रीनेसांस का अवलोकन हुआ। रीनेसांस काल में, वैज्ञानिक अनुसंधान, अनुभव, और नई विचारधाराओं की बढ़ती गंभीरता के साथ अधिक संगठित और प्रयोगशालाओं में किया गया।
विज्ञान का जन्म और विकास एक नियमित और संवैधानिक प्रक्रिया है, जो समय के साथ नई ज्ञान, धाराएं, और सिद्धांतों का उत्थान करती रहती है।
1. ऑकड़े 5, 4, 13,9, 8, 9, 9, 11, 14 का बहुलक है :
9
2. 3, 5, 2, 5, 7, 5, 8, 5 का बहुलक होगा :
5
3. प्रथम : अमान्य संख्याओं का माध्यक है:
6
4. प्रथम पाँच पूर्ण संख्याओं का माध्य कौन होगा ?
2
5. 1, 3, 0, 3, 1, 3 का बहुलक होगा :
3
6. 8, 7, 12, 15, 10, 9, 11 की माध्यिका होगी :
10
7. 5, 3, 7, 6, 4, 2, 1 की माध्यिका है
4
8. चर मान 5, 3, 8, 2, 4 की माध्यिका कौन है ?
4
9. संचयी बारंबारता वक्र कहलाती है :
तोरण
10. यदि 3, 4, 5, 17 तथा का माध्य 6 हो, तो का मान है :
1

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